दिल्ली से मुंबई के बीच दुनिया का सबसे लंबे एक्सप्रेसवे बना है। इसमें ड्राइवरों के लिए खास इतंजाम किए गए हैं। NHAI ने पहली बार किसी एक्सप्रेसवे पर ट्रक चालकों की थकान, भूख, नींद और मरम्मत की जरूरतों को गंभीरता से लिया है। जानिए क्या हैं खास इंतजाम...

हिमांशु नायक, दिल्ली–मुंबई एक्सप्रेसवे से
नई दिल्ली: दिल्ली से मुंबई के बीच 1350 किलोमीटर लंबा 8-लेन एक्सप्रेसवे अब सिर्फ एक हाइवे नहीं, बल्कि ट्रक चालकों के लिए राहत की पटरी बन चुका है। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) ने पहली बार किसी एक्सप्रेसवे पर ट्रक चालकों की थकान, भूख, नींद और मरम्मत की जरूरतों को गंभीरता से लिया है। इसी सोच के तहत इस हाईवे पर हर 25-30 किलोमीटर पर "वे-साइड अमेनिटी" हब बनाए गए हैं, जो पूरी तरह से ड्राइवर-केंद्रित हैं। एनएचएआई अधिकारियों का कहना है कि बीते वर्षों में सामने आया कि ज्यादातर सड़क हादसे उस समय होते हैं जब ड्राइवर नींद या थकान की स्थिति में होते हैं। खासकर ट्रक और भारी वाहनों से जुड़े हादसों में यह बात बार-बार सामने आई है।
दिल्ली–मुंबई एक्सप्रेसवे पर तैनात एक सीनियर अधिकारी बताते हैं, "कमर्शियल ट्रैफिक से जुड़ा सबसे बड़ा मुद्दा फटीग यानी शारीरिक थकान है। लगातार कई घंटों की ड्राइविंग के बाद ड्राइवरों को रुकने की जरूरत होती है, लेकिन पहले कोई सुरक्षित और साफ जगह नहीं होती थी। अब इसे ध्यान में रखकर हमने हर 25-30 किलोमीटर पर वे-साइड अमेनिटी डेवलप किए हैं।"
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सड़क किनारे सुविधा
हर वे-साइड अमेनिटी करीब 18 एकड़ क्षेत्र में फैली होती है। यहां ट्रक चालकों के लिए AC कमरे, साफ-सुथरे शौचालय, नहाने के लिए स्नानगृह, खाना बनाने के लिए किचन स्पेस, और चारपाई-बिस्तर जैसी सुविधाएं मौजूद हैं। ड्राइवर चाहें तो अपना खाना खुद पका सकते हैं, या वहीं मौजूद ढाबे और फूड कोर्ट से खाना ले सकते हैं।ड्राइवरों की जरूरतों को समझते हुए वहां गाड़ी रिपेयर करने के लिए मैकेनिक, टायर शॉप, पेट्रोल पंप और ईवी चार्जिंग स्टेशन भी दिए गए हैं।
नई दिल्ली: दिल्ली से मुंबई के बीच 1350 किलोमीटर लंबा 8-लेन एक्सप्रेसवे अब सिर्फ एक हाइवे नहीं, बल्कि ट्रक चालकों के लिए राहत की पटरी बन चुका है। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) ने पहली बार किसी एक्सप्रेसवे पर ट्रक चालकों की थकान, भूख, नींद और मरम्मत की जरूरतों को गंभीरता से लिया है। इसी सोच के तहत इस हाईवे पर हर 25-30 किलोमीटर पर "वे-साइड अमेनिटी" हब बनाए गए हैं, जो पूरी तरह से ड्राइवर-केंद्रित हैं। एनएचएआई अधिकारियों का कहना है कि बीते वर्षों में सामने आया कि ज्यादातर सड़क हादसे उस समय होते हैं जब ड्राइवर नींद या थकान की स्थिति में होते हैं। खासकर ट्रक और भारी वाहनों से जुड़े हादसों में यह बात बार-बार सामने आई है।
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सड़क किनारे सुविधा
हर वे-साइड अमेनिटी करीब 18 एकड़ क्षेत्र में फैली होती है। यहां ट्रक चालकों के लिए AC कमरे, साफ-सुथरे शौचालय, नहाने के लिए स्नानगृह, खाना बनाने के लिए किचन स्पेस, और चारपाई-बिस्तर जैसी सुविधाएं मौजूद हैं। ड्राइवर चाहें तो अपना खाना खुद पका सकते हैं, या वहीं मौजूद ढाबे और फूड कोर्ट से खाना ले सकते हैं।ड्राइवरों की जरूरतों को समझते हुए वहां गाड़ी रिपेयर करने के लिए मैकेनिक, टायर शॉप, पेट्रोल पंप और ईवी चार्जिंग स्टेशन भी दिए गए हैं।
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